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Showing posts from January, 2018

Best Shayari Collections of Rahat Indori

लोग हर मोड़ पे रुक-रुक के संभलते क्यों हैं, इतना डरते हैं तो फिर घर से निकलते क्यों हैं; मोड़  होता हैं जवानी का संभलने  के लिए, और सब लोग यही आके फिसलते क्यों हैं. ​ अब हम मकान में ताला लगाने वाले हैं, पता चला हैं की मेहमान आने वाले हैं. जुबा तो खोल, नज़र तो मिला,जवाब तो दे, में कितनी बार लुटा हु, मुझे हिसाब तो दे; तेरे बदन की लिखावट में हैं उतार चढाव, में तुझको कैसे पढूंगा, मुझे किताब तो दे. ये हादसा तो किसी दिन गुजरने वाला था, में बच भी जाता तो मरने वाला था; मेरा नसीब मेरे हाथ कट गए, वरना में तेरी मांग में सिन्दूर भरने वाला था. काम सब गेरज़रुरी हैं, जो सब करते हैं, और हम कुछ नहीं करते हैं, गजब करते हैं; आप की नज़रों मैं, सूरज की हैं जितनी अजमत, हम चरागों का भी, उतना ही अदब करते हैं. तुफानो से आँख मिलाओ, सैलाबों पे वार करो, मल्लाहो का चक्कर छोड़ो, तैर कर दरिया पार करो; फूलो की दुकाने खोलो, खुशबु का व्यापर करो, इश्क खता हैं, तो ये खता एक बार नहीं, सौ बार करो. जा के कोई कह दे, शोलों से चिंगारी से, फूल इस बार खिले हैं बड...