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Best Shayari Collections of Rahat Indori

लोग हर मोड़ पे रुक-रुक के संभलते क्यों हैं, इतना डरते हैं तो फिर घर से निकलते क्यों हैं; मोड़  होता हैं जवानी का संभलने  के लिए, और सब लोग यही आके फिसलते क्यों हैं. ​ अब हम मकान में ताला लगाने वाले हैं, पता चला हैं की मेहमान आने वाले हैं. जुबा तो खोल, नज़र तो मिला,जवाब तो दे, में कितनी बार लुटा हु, मुझे हिसाब तो दे; तेरे बदन की लिखावट में हैं उतार चढाव, में तुझको कैसे पढूंगा, मुझे किताब तो दे. ये हादसा तो किसी दिन गुजरने वाला था, में बच भी जाता तो मरने वाला था; मेरा नसीब मेरे हाथ कट गए, वरना में तेरी मांग में सिन्दूर भरने वाला था. काम सब गेरज़रुरी हैं, जो सब करते हैं, और हम कुछ नहीं करते हैं, गजब करते हैं; आप की नज़रों मैं, सूरज की हैं जितनी अजमत, हम चरागों का भी, उतना ही अदब करते हैं. तुफानो से आँख मिलाओ, सैलाबों पे वार करो, मल्लाहो का चक्कर छोड़ो, तैर कर दरिया पार करो; फूलो की दुकाने खोलो, खुशबु का व्यापर करो, इश्क खता हैं, तो ये खता एक बार नहीं, सौ बार करो. जा के कोई कह दे, शोलों से चिंगारी से, फूल इस बार खिले हैं बड...
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Best Shayari Collections of Bashir Badr

गुरूर उस पे बहुत सजता है मगर कह दो, इसी में उस का भला है कि  गुरूर कम कर दे; यहाँ लिबास की क़ीमत है आदमी की नहीं, मुझे गिलास बड़े दे, शराब कम कर दे !

Best Sarcastic Quotes

" मैं " पसंद तो बहुत हूँ सबको, पर...... जब उनको मेरी ज़रुरत हो तब..!!

Best Motivational Quotes

''वक्त" हर "वक्त" को बदल देता है. सिर्फ, "वक्त" को थोडा "वक्त" दो..

Best Shayari Collections of Ghalib

न था कुछ तो ख़ुदा था, कुछ न होता तो ख़ुदा होता, डुबोया मुझ को होने ने, न होता मैं तो क्या होता ! बाज़ीचा-ए-अत्फ़ाल* है दुनिया मेरे आगे, होता है शब-ओ-रोज़* तमाशा, मेरे आगे !  (*बच्चों का खेल, *रात और दिन) हर एक बात पे कहते हो तुम,कि  तू क्या है , तुम्हीं कहो कि  ये अंदाज़-ए-गुफ्तगू क्या है; रागों में दौडते फिरने के हम नहीं क़ायल,  जब आँख ही से ना टपका तो फिर लहू क्या है ; बना है शाह का मुसाहिब, फिरे है इतराता , वगरना शहर में “ग़ालिब” की आबरू क्या है !

Behtareen Shayari Collections

हर गुनाह कबूल है हमें, बस,सजा देने वाला बेगुनाह हो ! अपनी मंज़िल पे पहुँचना भी, खड़े रहना भी, कितना मुश्किल है बड़े हो के बड़े रहना भी ! सर जिस पे न झुक जाए उसे दर नहीं कहते, हर दर पे जो झुक जाए उसे सर नहीं कहते ! सीने में जलन,आँखो में तूफान सा क्यू है, इस शहर में हर श्कश परेशान सा क्यू है ! पूछते हैं वो हमसे, 'तुम मोहब्बत की बातें क्यूँ नहीं करते'... हमने कहा, जो लफ्जों में बयाँ हो, वो मोहब्बत हम नहीं करते..!​ उस को भी हम से मोहब्बत हो ज़रूरी तो नहीं, इश्क़ ही इश्क़ की क़ीमत हो ज़रूरी तो नहीं ​ ! जिन्दगी जला दी हमने जब जलानी थी..  अब धुएँ पर तमाशा क्यों और राख पर बहस कैसी ! काम सब ग़ैर-ज़रूरी हैं जो सब करते हैं, और हम कुछ नहीं करते हैं, ग़ज़ब करते हैं ! ​ ​​इस तरह गौर से मत देख मेरा हाथ ऐ 'फ़राज़' इन लकीरों में हस्रतो के सिवा कुछ भी नही ! ​​ कह देना समुंदर से हम ओस के मोती हैं,  दरिया की तरह तुझसे मिलने नही आएँगे ! ​ आपकी नज़रों में सूरज की है जितनी अज़्मत , हम चराग़ों का भी उतना ही अदब करते हैं ! ​ ...

Best Shayari Collections of Bahadur Shah Zafar

​ लगता नहीं है जी मेरा उजड़े दयार में, किस की बनी है आलम-ए-नापायेदार में; कह दो इन हसरतों से कहीं और जा बसें, इतनी जगह कहाँ है दिल-ए-दाग़दार में; उम्र-ए-दराज़ माँग कर लाये थे चार दिन, दो आरज़ू में कट गये दो इन्तज़ार में; कितना है बदनसीब "ज़फ़र" दफ़्न के लिये, दो गज़ ज़मीन भी न मिली कू-ए-यार में.

Best Shayari collections of Rajesh Reddy

मेरे दिल के किसी कोने में मासूम सा  इक   बच्चा , बड़ों की देख कर दुनिया बड़ा होने से डरता है. सर क़लम होंगे कल यहाँ उनके, जिनके मुँह में ज़बान बाकी है. आख़िरी ख़्वाहिश जो पूछी वक़्त ने, पहली ख़्वाहिश मुस्कुरा कर रह गई. तुम हक़ीक़त को लिए बैठे हो तो बैठे रहो, ये ज़माना है इसे हर दिन फ़साने चाहिएँ. किसी दिन ज़िंदगानी में करिश्मा क्यूँ नहीं होता, मैं हर दिन जाग तो जाता हूँ ज़िंदा क्यूँ नहीं होता;  बेनाम सा ये दर्द ठहर क्यूँ नहीं जाता, जो बीत गया है, वो गुज़र क्यूँ नहीं जाता; मिरी इक ज़िंदगी के कितने हिस्से-दार हैं लेकिन, किसी की ज़िंदगी में मेरा हिस्सा क्यूँ नहीं होता; ज़माने भर के लोगों को किया है मुब्तला तू ने, जो तेरा हो गया तू भी उसी का क्यूँ नहीं होता. ये न अश्कों का है न घाव का है, सारा क़िस्सा बस इक लगाव का है; रो भी सकते नहीं ब-ज़ाहिर हम, मस्अला ग़म के रख-रखाव का है; ज़िंदगी है तनी हुई रस्सी, खेल सारा इसी तनाव का है. ह़ाल-ए-दिल ऐसे न हंस-हंसके सुना लोगों को, ये तिरे ग़म को किसी और का ग़म समझेंगे. लोग तो लोग हैं ये कब तिरा ग़म समझेंगे, जितना स...

Best Shayari collections of Kumar Vishwas

मेरी रुसवाई करके नाख़ुश हैं,  उनके चेहरे की सियाही ये है,  मेरे होने से ख़फ़ा हैं कुछ लोग,  मेरे होने की गवाही ये है !